Saturday, November 21, 2009

क्‍यों है ना शानदार ----------

मैं आज बहुत खुश हूं। वह इसलिए कि मुझे आज टोपी मिली है। सचमुच में बड़ी गर्म है यह। शहर में इन दिनों ठण्‍ड काफी है, बीती रात तो पारा 5 डिग्री से भी नीचे चला गया था। ऐसे में मेरी रोशनी ताईजी मेरे बारे में न सोचती तो किसके बारे में सोचती, मैं सबसे छोटी जो ठहरी। अरे, आप रोशनी ताईजी को नहीं जानते? चलो मैं बताती हूं। गांव सिरसला (चूरू) के हरिसिंह ताउजी मेरे पापा के कॉलेज के सहपाठी हैं। नजदीक मित्र भी। इस टोपी के लिए मेहनत उन्‍हीं हरिसिंह ताउजी और रोशनी ताईजी ने की है। क्‍यों है ना शानदार, मेरी टोपी और मेरी मुस्‍कराहट-------


3 comments:

  1. Beautiful
    चूरू की सरदी से टोपी ज्यादा शानदार है, वैसे रोशनी ताई जी फोटो नहीं खिंचवाती क्या ?

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  2. टोपी तो शानदार है.... और उससे भी शानदार है आपकी मुस्कराहट

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  3. अति सुन्दर!

    मासूम मुस्कान को सलाम!!

    - सुलभ

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