Friday, November 20, 2009

क्‍या आप इनको जानते हैं---------

आपने यह तस्‍वीर देखी। क्‍या आप इन्‍हें जानते हैं ?

अजी, आप नहीं जानते, लेकिन मेरे मां और पापा इन्‍हें कभी नहीं भूल पाएंगे। क्‍योंकि ये ही वो शख्‍स हैं, जिन्‍होंने बेटी होने की खबर उनको दी, यानि की मैं आ चुकी हूं लड़की स्‍वरूप में यह बतलाया
चलो फिर मैं आपको इनके विषय में बतलाती हूं :-

ये मेरे पापा के सहपाठी और मित्र हैं- श्री रामगोपाल जी ईसराण मैं इन्‍हें ताउजी कहूंगी। वर्तमान में ये राजकीय डेडराज भरतिया अस्‍पताल में मेल नर्स ग्रेड द्वितीय के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। तभी तो ये ऑपरेशन थियेटर में थे और मुझे पहली दफा देखा। मां को इन्‍हीं की आवाज सुनाई दी कि लड़की है और पापा को थियेटर से बाहर आकर कहा- बधाई हो, आपकी इच्‍छा पूर्ण हुई, बेटी हुई है।

अब तो आप इन्‍हें जान गए होंगे और मैं मानती हूं कि आप इन्‍हें धन्‍यवाद भी देगें।

साथ ही आप धन्‍यवाद दीजिए डॉ. शरद मिश्रा साहब को जिन्‍होंने न केवल पूरे 9 महीने मेरी जांच-पड़ताल की, बल्कि अपने सधे हाथों से मेरे को नई दुनिया दी।

धन्‍यवाद, डॉ. मिश्रा साहब और ईसराण साहब।

1 comment:

  1. इन्हें देखा भी होगा तो अब याद नहीं आ रहा, सत्रह साल पहले का चूरू भी अब वैसा नहीं रहा होगा. वैसे पहली पोस्ट में अस्पताल के भीतर की तस्वीर देख कर ख़याल आया था कि ये भरतिया अस्पताल ही है.

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