nanhi si bachchi ki blog ki taswir behad achchhi hai. कली बेंच देगें चमन बेंच देगें, धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें, कलम के पुजारी अगर सो गये तो ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।
होली की पूर्व संध्या पर मिलना खूब रहेगा .... कहें तो अपने संग ढोल-झाल भी ले आयेंगे ..... फागुन का रंग खूब जमेगा हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में प्रोफेशन से मिशन की ओर बढ़ता "जनोक्ति परिवार "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ ,
nanhi si bachchi ki blog ki taswir behad achchhi hai.
ReplyDeleteकली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो
ये धन के पुजारी
वतन बेंच देगें।
होली की पूर्व संध्या पर मिलना खूब रहेगा .... कहें तो अपने संग ढोल-झाल भी ले आयेंगे ..... फागुन का रंग खूब जमेगा
हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में प्रोफेशन से मिशन की ओर बढ़ता "जनोक्ति परिवार "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ ,
सुंदर चित्रण
ReplyDeleteMaza aa gaya!
ReplyDeleteयूँ ही रहे चहकता हरदम नन्हा राज दुलारा/दुलारी
ReplyDeleteरहे सलामत बुरी नजर से शुभ आशीष हमारा/शुभकामना हमारी
कृतिका के लिए
ReplyDeleteकितनी भोली
कितनी प्यारी
मुझ तक
पहुँच रही किलकारी ,
फूल कहूं या
तितली हो तुम ,
सूरत सबसे
न्यारी न्यारी
दीनदयाल शर्मा, 09414514666 www.http://deendayalsharma.blogspot.com