आज 16 जून है। आज से ठीक 7 महीने पहले आपसे साक्षात्कार हुआ था मेरा। यानी कि 16 नवम्बर, 2009, मेरा जन्म दिन।
इन महीनों में काफी पड़ावों से गुजरी हूं मैं। बहुत कुछ समझने-सीखने लगी हूं। पहले सिर्फ पीने के यत्न होते थे अब खाने के भी होने लगे हैं। फल तो मेरे शार्गिद बन ही चुके हैं वहीं मां के हाथ का लजीज महीन चूरमा भी खूब रास आता है।
और खिलौने भी मुझे भाने लगे हैं। खेलने का ज्यादा प्रयत्न नहीं, उनको खाने के प्रति उद्यत हूं मैं। मेरी चले तो सारे खिलौनों को चबा जाऊं। पर ऐसा होना नहीं चाहिए ना। यह तो दांतों के आगमन की प्रारम्भिक खुजलाहट है जो मुझे उत्प्रेरित करती है।
और मैं खूब शोर भी मचाने लगी हूं। किलकारियों की गूंज से सभी आनंदित होते हैं। मैं भी।
अरे बातें ही बातें, नहीं, एक फोटो भी होगा, खास आपके लिए-
इन महीनों में काफी पड़ावों से गुजरी हूं मैं। बहुत कुछ समझने-सीखने लगी हूं। पहले सिर्फ पीने के यत्न होते थे अब खाने के भी होने लगे हैं। फल तो मेरे शार्गिद बन ही चुके हैं वहीं मां के हाथ का लजीज महीन चूरमा भी खूब रास आता है।
और खिलौने भी मुझे भाने लगे हैं। खेलने का ज्यादा प्रयत्न नहीं, उनको खाने के प्रति उद्यत हूं मैं। मेरी चले तो सारे खिलौनों को चबा जाऊं। पर ऐसा होना नहीं चाहिए ना। यह तो दांतों के आगमन की प्रारम्भिक खुजलाहट है जो मुझे उत्प्रेरित करती है।
और मैं खूब शोर भी मचाने लगी हूं। किलकारियों की गूंज से सभी आनंदित होते हैं। मैं भी।
अरे बातें ही बातें, नहीं, एक फोटो भी होगा, खास आपके लिए-
चलो एक और फोटो मुस्कराते हुए-
बीच में ये क्या आ गया ? खा लूं इसें-
नहीं, यह खाने का थोड़ा ही है। यह तो खेलने के लिए है। रंग मुझे लुभाते हैं इसलिए।
खूब खेल लिए। अब कुछ आराम कर लें। फिर मिलेगें।
होय होय कितने क्यूट हो
ReplyDeletelovely and cute
ReplyDeletei read your blog