Friday, July 16, 2010

अवसर अनेक तो मुद्राएं भी अनेक


आज 16 जुलाई। मैं पूरी 8 माह की।
पिछला माह मेरा खूब धमाचौकड़ी भरा रहा। खूब आनंद लिया मैंने विभिन्‍न अवसरों पर। कभी अकेले बैठकर तो कभी मां-बाबा के साथ।
अगला महीना भी मैं धमाचौकड़ी में गुजारना चाहूंगी।
हां, आपसे मिलना नहीं छोड़ूंगी।

ये मैं-


ये मेरी रूमाल-

ये मेरा प्रयोग-

और ये मेरी गाड़ी-


क्‍यों आई ना पसंद !!


8 comments:

  1. क्यूटी पाई.. वेलकम..

    प्यार

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  2. वेलकम नहीं.. वेलकम बैक...

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  3. बहुत प्यारी!! :)

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  4. बहुत अच्छी लगी आपकी हर अदा...मजेदार.

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  5. कृतिका की है गाड़ी प्यारी,
    दुनिया में है सबसे न्यारी..

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  6. बहुत पसंद आई जी.... ये जेन लेकर कहाँ घूमने जा रही हो ?

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  7. बहुत सुंदर लग रही हो गाडी के साथ जरा धीरे चलाना.प्यारी गुडीया की प्यारी गाडी

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  8. hurra........hurrraa.....hurrraaa....hurrrraaaa....hurrrrraaaaa........vaah...vaah.....mele to bhi le talo naa baiya......!!!

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